यह हिंदी नोट्स कक्षा VII के हिंदी (वसंत) अध्याय 3, “कठपुतली” के मुख्य विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। यह छात्रों के लिए कठपुतली कला की मूल अवधारणाओं को स्पष्ट करने में सहायक हैं।
- परिभाषा: कठपुतली, एक पारंपरिक कला है जिसमें लकड़ी या कपड़े से बनी आकृतियों को धागे या तार से नियंत्रित किया जाता है।
- कला का इतिहास: कठपुतली कला का इतिहास पुराना है, और यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित है, जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल।
- प्रकार: कठपुतलियों के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कठपुतली, गुड़िया, और सजीव कठपुतलियाँ। प्रत्येक का अपना विशेष उद्देश्य और प्रस्तुति शैली होती है।
- निर्माण: कठपुतलियों का निर्माण विभिन्न सामग्रियों से किया जाता है, जैसे लकड़ी, कपड़ा, और रंगीन कागज। इनकी सजावट भी विशेष होती है।
- कथानक: कठपुतली नाटक में कहानी का विशेष महत्व होता है, जो सामाजिक या नैतिक संदेश देती है।
- प्रस्तुति: कठपुतली नाटक आमतौर पर रंगीन सेट और संगीत के साथ प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे दर्शकों को आकर्षित किया जाता है।
- महत्व: कठपुतली कला न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत और कला के प्रति प्रेम को भी बढ़ावा देती है।
- शिक्षण: छात्रों को कठपुतली के माध्यम से संवाद, रचनात्मकता, और सांस्कृतिक जागरूकता विकसित करने का अवसर मिलता है।
Artham Resources का यह नोट्स कक्षा VII के छात्रों के लिए “कठपुतली” अध्याय की गहन समझ और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है|
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