यह हिंदी नोट्स कक्षा VI के सामाजिक विज्ञान (नागरिक शास्त्र) के अध्याय 4, “पंचायती राज” के मुख्य विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। यह छात्रों के लिए पंचायती राज प्रणाली की मूल अवधारणाओं को स्पष्ट करने में सहायक हैं।
- परिभाषा: पंचायती राज, एक स्थानीय स्वशासन प्रणाली है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतंत्र की नींव रखती है।
- पंचायती राज के स्तर: पंचायत प्रणाली तीन स्तरों में विभाजित होती है: ग्राम पंचायत, मध्य पंचायत, और जिला पंचायत।
- ग्राम पंचायत: यह सबसे छोटी इकाई है, जिसमें ग्राम प्रधान और वार्ड सदस्य होते हैं, जो स्थानीय मुद्दों का समाधान करते हैं।
- मध्य पंचायत: यह ग्राम पंचायतों का समूह है, जो क्षेत्रीय विकास के लिए जिम्मेदार है।
- जिला पंचायत: यह सबसे उच्च स्तर की पंचायत है, जो सभी पंचायतों के कार्यों की निगरानी करती है और विकास योजनाओं को लागू करती है।
- कार्य और जिम्मेदारियाँ: पंचायती राज संस्थाओं का मुख्य कार्य ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आधारभूत संरचना का विकास करना है।
- महत्व: पंचायती राज, स्थानीय स्तर पर लोगों को निर्णय लेने में शामिल करता है, जिससे लोकतंत्र की मजबूती होती है।
- संदर्भ: यह प्रणाली भारत के संविधान के 73वें संशोधन के तहत स्थापित की गई थी, जिससे स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा मिला।
- निष्कर्ष: पंचायती राज, भारतीय लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो ग्रामीण समुदायों के विकास में सहायक है।
Artham Resources का यह नोट्स कक्षा VI के छात्रों के लिए पंचायती राज की गहन समझ और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
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