सामाजिक विज्ञान (कक्षा IX) – अध्याय 2: यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति
यह हिंदी नोट्स कक्षा IX के सामाजिक विज्ञान के अध्याय 2, “यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति” के मुख्य विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। यह छात्रों को समाजवाद और रूसी क्रांति की जटिल अवधारणाओं को समझने में सहायता प्रदान करता है।
- परिचय: 19वीं सदी में यूरोप में समाजवाद का उदय हुआ, जिसने पूंजीवादी व्यवस्था की आलोचना की और समानता व मजदूर अधिकारों की वकालत की।
- समाजवाद की परिभाषा: समाजवाद एक ऐसी राजनीतिक और आर्थिक विचारधारा है जो संपत्ति और संसाधनों के सामूहिक स्वामित्व और प्रबंधन की बात करती है।
- रूसी क्रांति का परिचय: 1917 की रूसी क्रांति ने ज़ारशाही को समाप्त कर श्रमिकों और किसानों की सत्ता स्थापित की।
- मार्क्सवाद: कार्ल मार्क्स के सिद्धांत, जिन्होंने वर्ग संघर्ष और सर्वहारा (मजदूर वर्ग) के नेतृत्व में क्रांति की बात कही।
- लेनिन और बोल्शेविक आंदोलन: व्लादिमीर लेनिन ने बोल्शेविक पार्टी का नेतृत्व किया और समाजवादी सरकार की स्थापना की।
- महत्वपूर्ण घटनाएँ: फरवरी और अक्टूबर 1917 की क्रांतियाँ, ज़ार निकोलस II का पतन, और सोवियत संघ की स्थापना।
- प्रभाव: रूसी क्रांति ने वैश्विक स्तर पर समाजवादी आंदोलनों को प्रेरित किया।
- निष्कर्ष: यह अध्याय यूरोप में समाजवाद के विकास और रूसी क्रांति के महत्व को दर्शाता है, जो आधुनिक इतिहास में एक मील का पत्थर है।
Artham Resource का यह नोट्स कक्षा IX के छात्रों के लिए रूसी क्रांति और समाजवाद की अवधारणाओं को आत्मसात करने में सहायक है।
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