यह हिंदी नोट्स कक्षा VII के विज्ञान अध्याय 8, “पादप में जनन” के मुख्य विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। यह छात्रों के लिए पादप जनन की प्रक्रियाओं को स्पष्ट करने में सहायक हैं।
- परिभाषा: पादप जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पादप नए पौधे उत्पन्न करते हैं, यह सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं: लैंगिक और अलैंगिक।
- लैंगिक जनन: इसमें दो यौन कोशिकाएँ (अंडाणु और शुक्राणु) मिलकर नया पौधा बनाती हैं। उदाहरण: फूलों के माध्यम से।
- अलैंगिक जनन: इसमें एक ही पौधे से नए पौधे उत्पन्न होते हैं, जैसे कलम, ग्राफ्टिंग आदि।
- फूलों की संरचना: फूल में विभिन्न भाग होते हैं, जैसे कली, पुंकेसर (पुरुष अंग) और स्त्री अंग (पुंकेसर), जो जनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- परागण: यह प्रक्रिया जिसमें परागकण फूल के स्त्री अंग तक पहुँचते हैं। यह विभिन्न माध्यमों से होता है, जैसे हवा, जल, और कीट।
- बीज का विकास: परागण के बाद अंडाणु में विकास शुरू होता है, जिससे बीज बनता है, जो नए पौधे का आधार बनता है।
- महत्व: पादप जनन का अध्ययन कृषि और पर्यावरण में महत्वपूर्ण है, जिससे फसल उत्पादन और जैव विविधता को समझा जा सकता है।
- निष्कर्ष: पादप जनन का ज्ञान छात्रों को प्राकृतिक प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक करता है और उनके पर्यावरणीय दृष्टिकोण को विकसित करता है।
Artham Resources का यह नोट्स कक्षा VII के छात्रों के लिए पादप जनन के अध्याय की गहन समझ और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
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