Class IX हिंदी (स्पर्श भाग 1) – Chapter 7: “दोहे” Notes by Artham Resource
यह नोट्स कक्षा IX के हिंदी पाठ्यक्रम के अध्याय 7, “दोहे” के प्रमुख बिंदुओं को सरल और सटीक रूप में प्रस्तुत करता है। यह छात्रों को हिंदी साहित्य की इस महत्वपूर्ण विधा को समझने और आत्मसात करने में मदद करता है।
- परिचय: दोहा हिंदी काव्य की एक प्रमुख विधा है। यह 24 मात्राओं का एक छंद होता है, जिसमें दो पंक्तियाँ होती हैं।
- रचना: पहली पंक्ति (ऊर्ध्ववृत्त) में 13 मात्राएँ और दूसरी पंक्ति (वृत्त) में 11 मात्राएँ होती हैं। दोनों पंक्तियों का संतुलन दोहे की खासियत है।
- प्रमुख दोहाकार: संत कबीर, रहीम, तुलसीदास जैसे महान कवियों ने दोहा विधा को समृद्ध किया है।
- साहित्यिक महत्व: दोहे में गहरी बातों को संक्षिप्त और प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जाता है। यह नैतिकता, जीवन के मूल्य, और व्यवहारिक ज्ञान पर केंद्रित होता है।
- विशेषताएँ: सरल भाषा, गहन अर्थ, और सीधी सीख देने की प्रवृत्ति दोहों की खासियत है। यह श्रोता या पाठक को तुरंत प्रभावित करता है।
- उदाहरण: “बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो मन खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।” – संत कबीर - अभ्यास प्रश्न: विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रश्न शामिल हैं, जैसे—दोहे की संरचना, प्रमुख कवियों के दोहे, और उनके संदेश पर आधारित प्रश्न।
- महत्व: दोहा विद्यार्थियों को साहित्यिक सौंदर्य और नैतिक शिक्षा से परिचित कराता है।
Artham Resource के यह नोट्स छात्रों को दोहे की विशेषताओं और इसके महत्व को समझने में मददगार हैं।
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