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Hindi Notes Class VII सामाजिक विज्ञान (इतिहास) Chapter 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी

Hindi Notes Class VII सामाजिक विज्ञान (इतिहास) Chapter 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी

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यह हिंदी नोट्स कक्षा VII के सामाजिक विज्ञान (इतिहास) अध्याय 3, “दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी” के मुख्य विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। यह छात्रों के लिए दिल्ली के ऐतिहासिक महत्व को स्पष्ट करने में सहायक हैं।

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हिंदी नोट्स कक्षा VII सामाजिक विज्ञान (इतिहास) – अध्याय 3: दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी

यह हिंदी नोट्स कक्षा VII के सामाजिक विज्ञान (इतिहास) अध्याय 3, “दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी” के मुख्य विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। यह छात्रों के लिए दिल्ली के ऐतिहासिक महत्व को स्पष्ट करने में सहायक हैं।

  • परिचय: दिल्ली, भारत का एक ऐतिहासिक शहर है, जिसका महत्व बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी में विशेष रूप से बढ़ा।
  • सुलतानate का उदय: दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा हुई, जिसने विभिन्न राजवंशों का सत्तारूढ़ करने का काम किया।
  • प्रमुख सुलतान: इल्तुतमिश, रजिया सुलतान, और अलाउद्दीन खिलजी जैसे सुलतान इस युग में महत्वपूर्ण रहे।
  • सांस्कृतिक विकास: इस समय के दौरान, दिल्ली में वास्तुकला, साहित्य, और विज्ञान का महत्वपूर्ण विकास हुआ। कुतुब मीनार और जामा मस्जिद जैसे स्थलों का निर्माण इसी काल में हुआ।
  • वाणिज्य और व्यापार: दिल्ली, व्यापार का एक बड़ा केंद्र बन गया, जहाँ विभिन्न सांस्कृतिक समुदायों का मेल-जोल हुआ।
  • अर्थव्यवस्था: कृषि और व्यापार के माध्यम से दिल्ली की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई।
  • महत्व: यह अध्याय छात्रों को दिल्ली के ऐतिहासिक परिवर्तनों और उनके प्रभावों को समझने में मदद करता है।

Artham Resources का यह नोट्स कक्षा VII के छात्रों के लिए दिल्ली के इतिहास की गहन समझ और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

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