Shopping Cart
Home
Why E. Resource ?
Free Resources
Contact Us
/
/
/
/
/
Hindi Notes Class VII हिंदी (वसंत) Chapter 14 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिजाज हो गया :धनराज

Hindi Notes Class VII हिंदी (वसंत) Chapter 14 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिजाज हो गया :धनराज

Original price was: ₹ 50.00.Current price is: ₹ 25.00.

20 people are viewing this right now
84 sold in last 7 hours

यह हिंदी नोट्स कक्षा VII के वसंत भाग 2 के अध्याय 14, “संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिजाज हो गया: धनराज” के मुख्य विषयों को सरल और प्रभावी ढंग से समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। ये नोट्स छात्रों को इस पाठ की प्रमुख बातें समझने में मदद करेंगे।

Book Type: eBook/pdf (Will be Delivered on email after order)

हिंदी (कक्षा VII) – अध्याय 14: संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिजाज हो गया : धनराज
यह हिंदी नोट्स कक्षा VII के वसंत भाग 2 के अध्याय 14, “संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिजाज हो गया: धनराज” के मुख्य विषयों को सरल और प्रभावी ढंग से समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। ये नोट्स छात्रों को इस पाठ की प्रमुख बातें समझने में मदद करेंगे।

  • कहानी का सार: यह अध्याय प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै के जीवन संघर्षों और उनके व्यक्तित्व पर उन संघर्षों के प्रभाव पर आधारित है।
  • मुख्य पात्र: धनराज पिल्लै, जिन्होंने अपने खेल कौशल और मेहनत से भारत को कई जीत दिलाई।
  • संघर्ष: धनराज का आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना, जिससे वे तुनुकमिजाज हो गए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
  • तुनुकमिजाजी का कारण: जीवन में मिली असफलताएं और निराशाएँ, साथ ही खेल में चुनौतियों ने उनके स्वभाव को प्रभावित किया।
  • प्रेरणा: संघर्षों के बावजूद धनराज की सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से जीवन में बदलाव लाया जा सकता है।
  • अभ्यास प्रश्न: इस पाठ से संबंधित विभिन्न प्रश्न छात्रों को समझने और विचार करने के लिए दिए गए हैं।
  • निष्कर्ष: यह पाठ जीवन के संघर्षों से जूझते हुए भी अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने का संदेश देता है।

Artham Resources के यह नोट्स विद्यार्थियों के लिए अध्याय को गहराई से समझने और प्रेरणा प्राप्त करने में सहायक होंगे।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Hindi Notes Class VII हिंदी (वसंत) Chapter 14 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिजाज हो गया :धनराज”

Your email address will not be published. Required fields are marked *